( जिका विषाणु )
जीका वायरस की बीमारी का प्रकोप अफ्रीका ,अमेरिका एशिया और प्रशांत क्षेत्र में दर्ज किया गया है।
भारत में जिका वायरस तेजी से फैल रहा है और इससे संक्रमित लोगों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है । जीका वायरस देश के कई हिस्सों में लोगों को संक्रमित कर चुका है यह वायरस आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को संक्रमित करता है।
जिका विषाणु “फ्लाविविरिडए विषाणु” परिवार से है। यह मच्छरों से फैलता है।
जीका बुखार मुख्यता” एडीज” प्रकार के मच्छर के काटने से फैलता है।
जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं, इंसानों में यह मामूली बीमारी के रूप में जाना जाता है ,जिसे जिका बुखार, जिका या ज़िका बीमारी कहते हैं।
जीका वायरस से “माइक्रोकेफेली “बीमारी होती है। जिससे प्रभावित बच्चे का जन्म आकार में छोटे और अविकसित दिमाग के साथ होता है ,वहीं इससे होने वाले ग्यूलेन बैरी सिंड्रोम शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है जिसके चलते लोग लकवा का शिकार हो जाते हैं।शारीरिक संबंध बनाने और खून चढ़ाने से भी इसके फैलने की संभावना रहती है। यह रोग गर्भवती मां से गर्भस्थ शिशु में जा सकता है वर्टिकली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन और शिशु के सिर के अपूर्ण विकास की वजह बन सकता है ।
इस रोग की पहचान के लिए होने वाली जांचों में रक्त, मूत्र या लार संबंधी परीक्षण शामिल है। जो बीमार व्यक्ति में इस वायरस के आर एन ए (RNA) के होने का पता लगाने के लिए की जाती है।
जिका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के लक्षण भी डेंगू और वायरल की तरह ही है जैसे कि बुखार, जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते ,थकान, सिरदर्द और आंखों का लाल होना। इस वायरस का RNA अलग तरह का होता है । अधिकांश मामलों में 60 से 80 % में कोई लक्षण नहीं दिखते।
निवारण
व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों में कपड़े पहनना शामिल है जो शरीर को जितना संभव हो उतना कवर करता है विंडो स्क्रीन और बंद दरवाजे और खिड़कियों जैसे भौतिक बाधाओं का उपयोग करना और उत्पाद लेवल के निर्देशों के अनुसार त्वचा या कपड़ों पर कीट विकार्सक लागू करना जिसमें DEET, आइकारिडीन , IR 3535 शामिल है।
जीका वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दिन और शाम के समय मच्छरों के काटने से बचाव एक प्रमुख उपाय है। गर्भवती महिलाओं, प्रजनन आयु की महिलाओं और छोटे बच्चों के बीच मच्छरों के काटने की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मच्छरदानी के नीचे सोना चाहिए यदि दिन में या शाम को सोते हैं।
एडीज मच्छर घरों ,स्कूलों और कार्य स्थलों के आसपास पानी के छोटे संग्रह में प्रजनन करते हैं ।इन मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करना महत्वपूर्ण है, जिनमें शामिल है ,जल भंडारण कंटेनर को ढकना, फूलों के बर्तनों में भरे पानी को निकालना और कचरे को साफ करना और टायर का इस्तेमाल करना मच्छरों के प्रजनन स्थलों को कम करने के लिए स्थानीय सरकार और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए सामुदायिक पहल आवश्यक है।
“Or”
जीका वायरस से बचने का कोई खास तरीका नहीं है। इससे खुद को सुरक्षित रखकर और घर को साफ-सुथरा रखकर बचा जा सकता है।
घर के आसपास साफ-सफाई रखें,
घर में बारिश का पानी इकट्ठा ना होने दें,
कूलर और पानी की टंकियों को साफ रखें,
ज्यादातर पूरी बाजू के कपड़े पहनें,
छोटे बच्चों को शाम को बाहर ना निकलने दें,
जीका वायरस से प्रभावित किसी जगह ना जाएं,
बिस्तर में मच्छरदानी लगाएं,
इलाज
जीका वायरस के संक्रमण या इससे जुड़े रोगों के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है ,जिका वायरस के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के के होते हैं, बुखार , दाने या गठिया जैसे लक्षणों से पीड़ित लोगों को भरपूर आराम करना चाहिए, तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और आम दवाओं के साथ दर्द और बुखार का इलाज करना चाहिए। यदि लक्षण बिगड़ते हैं, तो उन्हें चिकित्सा देखभाल और सलाह लेनी चाहिए।
“Or”
अब तक जीका वायरस का कोई इलाज नहीं है, और ना ही इसकी कोई वैक्सीन बनी है। डॉक्टर लक्षण के हिसाब से इसका इलाज करते हैं। इससे पीड़ित व्यक्ति को आराम और पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।CDC (Centers for Disease Control and Prevention) सलाह देता है, कि जिन गर्भवती महिलाओं को जीका का निदान किया जाता है, उन्हें हर 3 से 4 सप्ताह में भ्रूण के विकास की निगरानी करनी चाहिए। CDC यानी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक ये उपाय कर सकते हैं;
ज्यादा से ज्यादा आराम करें,
दर्द से छुटकारा पाने के लिए पेन किलर्स लेना ठीक है,
तरल पदार्थ का उपयोग करें,
जीका वायरस वाहक कौन सा मच्छर है?
जीका वायरस रोग मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा प्रसारित एक वायरस के कारण होता है, जो दिन के दौरान काटता है।
जीका वायरस किस तरह के निम्नलिखित रोगों में से है?
जीका वायरस रोग मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा प्रसारित एक वायरस के कारण होता है, जो दिन के दौरान काटता है।
लक्षण आम तौर पर हल्के होते हैं और इसमें बुखार, दाने, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल होते हैं।
जीका वायरस से बचाव कैसे करें?
जीका संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है- मच्छरों के काटने से बचना, मच्छरों को बढ़ने से रोकना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना। फुल स्लीव्स के कपड़े पहनना, कीट निवारक का इस्तेमाल करना, बिस्तर में मच्छरदानी लगाना आदि। इन सब तरीकों से जीका वायरस से बचा जा सकता है|विंडों और डोर स्क्रीन का इस्तेमाल करें।
जिका वायरस का इलाज क्या है?
जीका वायरस के संक्रमण या इससे जुड़े रोगों के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। जीका वायरस के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं। बुखार, दाने या गठिया जैसे लक्षणों से पीड़ित लोगों को भरपूर आराम करना चाहिए, तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और आम दवाओं के साथ दर्द और बुखार का इलाज करना चाहिए।
जीका वायरस से क्या होता है?
जीका वायरस बीमारी के सबसे आम लक्षण बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना और मांसपेशियों में दर्द हैं। इसके लक्षण काफी कुछ डेंगू से मिलते-जुलते हैं। जीका से संक्रमित कई लोगों में लक्षण नहीं होते हैं या मामूली होते हैं। ये कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं।
धन्यवाद!!