Q. निम्नलिखित में से कौन आनुवंशिक रोग का उदाहरण है?Which of the following is an example of genetic disease
A. Typhoid fever (टाइफाइड ज्वर)
B. Hemophilia (हीमोफीलिया)
C. Tuberculosis (तपेदिक)
D. Appendicitis (अपेंडिसाइटिस)
Correct answer: B. Hemophilia (हीमोफीलिया)
व्याख्या: रक्त कैंसर – इसके अतिरिक्त, करीब 1 प्रतिशत डाउन सिंड्रोम के बच्चों में रक्त-निर्माण कोशिकाओं (ल्यूकेमिया) का कैंसर होता है। अल्जाइमर रोग – डाउन सिंड्रोम के वयस्कों में अल्जाइमर रोग, एक मस्तिष्क विकार का जोखिम बढ़ जाता है, जो स्मृति, निर्णय एवं कार्य करने की क्षमता में क्रमिक हानि करता है। फिनाइलकीटोन्यूरिया आनुवंशिक बीमारी है। इससे सम्बन्धित समयुग्मजी प्रभावी दैहिक एलील्स गुणसूत्र 12 पर उपस्थित होते हैं। इनमें फिनाइलाग्लेनीन हाइड्रोक्सीलेज की कमी के कारण रुधिर में फिनाइलएलेनीन एकत्रित हो जाता है, जो बच्चों के मानसिक विकास को संदमित करता है।
FAQ: अधिकतर लोगों द्वारा पूछे गए प्रश्न एवं उनके सही एवं सटीक उत्तर नीचे दिए गए हैं।
Q. आनुवांशिक बीमारी कौन सी है?
Ans. इसके उदाहरण है सिस्टिक फाइब्रोसिस, सिकल सेल एनीमिया आदि। इसमें कई जीन्स में उत्परिवर्तन हो जाता है। इसके कारण हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, अल्जाइमर, कैंसर, मोटापा, गठिया जैसे रोग माता-पिता से बच्चों को मिलते हैं।
Q. निम्नलिखित में से कौन एक आनुवंशिक बीमारी नहीं है a रतौंधी b albinism c हीमोफिलिया d रंग अंधापन?
Ans. रतौंधी, क्योंकि यह निकट दृष्टि दोष, मोतियाबिंद या विटामिन ए की कमी के कारण होता है। यह उपचार योग्य विकार है. जबकि हीमोफीलिया, ऐल्बिनिज़म और कलर ब्लाइंडनेस लिंग से जुड़े वंशानुगत विकार हैं । यह उत्तर उपयोगी था?
Q. आनुवंशिकी के 3 प्रकार क्या हैं?
Ans. आनुवंशिक रोगों को तीन प्रमुख समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है: एकल-जीन, क्रोमोसोमल और मल्टीफैक्टोरियल । एकल जीन के डीएनए अनुक्रम में परिवर्तन, जिसे उत्परिवर्तन भी कहा जाता है, हजारों बीमारियों का कारण बनता है।
Q. क्या कलर ब्लाइंड जेनेटिक है?
Ans. रंग दृष्टि की कमी के सबसे आम प्रकार आनुवंशिक होते हैं , जिसका अर्थ है कि वे माता-पिता से उनके बच्चों में पारित हो जाते हैं। यदि आपकी रंग दृष्टि की कमी आनुवंशिक है, तो आपकी रंग दृष्टि समय के साथ बेहतर या ख़राब नहीं होगी।
Q. आनुवंशिक विकारों का कारण क्या है
Ans. एक अनुवांशिक विकार तब होता है जब जीन उत्परिवर्तन (जिसे रोगजनक रूप भी कहा जाता है) से प्रभावित होते हैं या पर्याप्त अनुवांशिक सामग्री नहीं होती है। जीन डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) से बने होते हैं, जिसमें कोशिकाओं के ठीक से काम करने के निर्देश होते हैं।
Q. आनुवंशिकी का पिता कौन है?
Ans. आनुवंशिकता के जन्मदाता ग्रेगर जोहान मैण्डल का जन्म 22 जुलाई सन् 1822 (22-7-1822) ई में मोराविया देश के एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था।
Q. कौन सा जीन रंग अंधापन का कारण बनता है?
Ans. OPN1LW या OPN1MW जीन से जुड़े आनुवंशिक परिवर्तन लाल-हरे रंग के दृष्टि दोष का कारण बनते हैं। इन परिवर्तनों के कारण एल या एम शंकु की अनुपस्थिति होती है या इन शंकुओं में असामान्य ऑप्सिन पिगमेंट का उत्पादन होता है जो लाल-हरे रंग की दृष्टि को प्रभावित करते हैं। नीले-पीले रंग का दृष्टि दोष OPN1SW जीन में उत्परिवर्तन के परिणामस्वरूप होता है।
Q. कौन सा आनुवंशिक विकार केवल महिलाओं में होता है?
Ans. ‘टर्नर सिंड्रोम’ यह एक ऐसी स्थिति है जो केवल महिलाओं को प्रभावित करती है। इसका परिणाम तब होता है जब X गुणसूत्र (लिंग गुणसूत्र) में से एक विलोपित या आंशिक रूप से विलोपित होता है। यह विभिन्न प्रकार की चिकित्सा और विकास संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें कम ऊंचाई, अंडाशय का अपूर्ण विकास और हृदय विकार शामिल हैं।
Q. भारत में आनुवंशिकी का जनक कौन है?
Ans. भारत में प्रायोगिक आनुवंशिकी के जनक- जेसी बोस
मटर के पौधे पर प्रयोगों के साथ ग्रेगर मेंडल के अग्रणी कार्य ने आनुवंशिकी पर एक अमिट छाप छोड़ी है। मेंडेलियन वंशानुक्रम कानूनों ने एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक लक्षणों के संचरण में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की है।
Q. आनुवंशिक पदार्थ की खोज कैसे हुई?
Ans. अनुवांशिक पदार्थ की खोज सर्वप्रथम फ्रेडरिक मिशर ने की थी। फ्रेडरिक मिशर जो कि एक चिकित्सक और जीव वैज्ञानिक थे, उनका जन्म स्विट्जरलैंड में 13 अगस्त 1844 को हुआ था। उन्होंने ही सबसे पहले आनुवंशिक पदार्थ की खोज की। उन्हें ही सबसे पहले न्यूक्लिक अम्ल अलग करने में सफलता प्राप्त करने का भी श्रेय है।
Q. प्रथम आनुवंशिक पदार्थ क्या था?
Ans. पहला अनुवांशिक पदार्थ RNA था।
Q. आनुवंशिकता लक्षण क्या है?
Ans. आनुवंशिकता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जीव अपने माता-पिता से गुण प्राप्त करते हैं । इन विशेषताओं को लक्षण कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है क्योंकि उनमें विशिष्ट गुणों का समूह होता है। निषेचन की प्रक्रिया के दौरान माता-पिता द्वारा अपनी संतानों में जो लक्षण प्रसारित किए जाते हैं, वे वंशानुगत लक्षण होते हैं।
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(By GS India Nursing Classes Lucknow)