यह किसी संक्रमित व्यक्ति के मल से मलिन हुए जल या खाद्य-पदार्थ के खाने/पीने से होता है।
यह आंत्र ज्वर (टाइफायड) जीवन के लिए एक खतरनाक रोग है जो कि सलमोनेल्ला टायफी (Salmonella typhi) नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) से होता है। आंत्र ज्वर (टाइफायड) को सामान्यतः एंटीबायोटिक दवाइयों से रोका तथा इसका उपचार किया जा सकता है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह रोग विश्व के सभी भागों में होता है।
टाइफॉइड के कारण ,
टाइफॉइड बुखार तब होता है, जब कोई व्यक्ति ऐसे खाद्य पदार्थों और पानी का सेवन करता है, जिसमें एस टाइफी बैक्टीरिया की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसके अलावा, एक टाइफाइड रोगी के मल से उसके चारों-तरफ होने वाली पानी की आपूर्ति भी दूषित हो सकती है। इसके बदले में मरीज के चारों-तरफ होने वाला फूड सप्लाई चेन भी दूषित हो सकता है।
टाइफॉइड का निदान,
यदि आपके लक्षणों को देखने के बाद डॉक्टर को लगेगा कि यह टाइफॉइड हो सकता है, तो वह कुछ टेस्ट करवाने के लिए बोल सकता है। साल्मोनेला टाइफी आपके शरीर में मौजूद है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए ब्लड, स्टूल, यूरिन कल्चर या बोन मैरो टेस्ट करवाना पड़ सकता है। बोन मैरो कल्चर को टाइफाइड बैक्टीरिया के लिए सबसे संवेदनशील टेस्ट माना जाता है। डॉक्टर टाइफॉइड डीएनए और एंटीबॉडीज की जांच के लिए अन्य ब्लड टेस्ट करवाने का सुझाव भी दे सकता है।
टाइफॉइड का उपचार,
एंटीबायोटिक्स जैसे सिप्रोफ्लैक्सिन (ciproflaxin) और सेफ्ट्रिएक्जोन (ceftriaxone) आमतौर पर टाइफॉइड के इलाज में दिया जाता है। एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin) भी इसके इलाज का एक दूसरा विकल्प है। हालांकि, ये प्रेग्नेंट महिलाओं को खाने के लिए नहीं दी जाती हैं। टाइफॉइड के गंभीर मामलों में कई बार आंतों में छेद हो जाता है, जिसे सिर्फ सर्जरी के जरिए ही ठीक किया जा सकता है।
टाइफॉइड से बचाव,
WHO टाइफॉइड से बचाव के लिए दो टीकों की सिफारिश करता है, जिसमें से एक निष्क्रिय टीका शॉट (inactivated vaccine shot) और दूसरा लाइव टीका (Live) है।
वैक्सीन शॉट (Vaccine shot) :
यह इंजेक्शन 2 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ले सकते हैं। उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए इस खुराक को बार-बार लेने की सलाह दी जाती है।
ओरल वैक्सीन (Oral Vaccine) :
यह 6 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दी जा सकती है। यह 4 गोलियों के पैक में आता है, जिनमें से तीन को अल्टरनेट डेज पर लेना होता है। डॉक्टर आखिरी टैबलेट आपको एक सप्ताह पहले लेने की सलाह दे सकता है, जब आपको किसी हाई टाइफॉइड प्रभावित स्थान पर जाना हो। सभी कैप्सूल को खाना खाने से एक घंटे पहले लेना होता है। इन कैप्सूल को फ्रिज में रखना जरूरी होता है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए डॉक्टर प्रत्येक 5 साल में इस टीके की एक बूस्टर खुराक लेने की सलाह देते हैं।
टाइफाइड का बुखार कितने दिन तक रहता है?
अगर समय पर इसका इलाज किया जाए तो इसके लक्षण 3 से 5 दिन में ठीक किये जा सकते हैं, हालांकि, यह आमतौर पर कुछ हफ्तों के दौरान खराब हो सकता है, और कुछ मामलों में टाइफाइड बुखार के विकास की जटिलता एक महत्वपूर्ण जोखिम है। कई लोगों को सीने में जमाव और पेट में दर्द का भी अनुभव होता है। बुखार स्थिर हो जाता है।
टाइफाइड में कौन सा जूस पिए?
रोजाना अदरक और सेब का जूस पीने से इंफेक्शन का असर घटता है। एक कप गर्म पानी में 2-3 चम्मच शहद मिलाकर पीएं। शहद से भी टायफॉइड के बैक्टीरिया मरते हैं। पुदीना-अदरक का जूस पीने से बुखार उतरता है।
टाइफाइड कितना होना चाहिए?
टायफाइड के दौरान आमतौर पर रोगी के शरीर का तापमान 102 के आस-पास रहता है। बुखार बढ़ने पर यह 104 तक भी पहुंच जाता है। इस कारण व्यक्ति शरीर में अकड़न, दर्द और कमजोरी से कराहने लगता है। आमतौर पर टायफाइड 4 से 6 सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो जाता है।
टाइफाइड में कौन सा फल खाएं?
टाइफाइड में फलों में केला, चीकू, पपीता, सेब, मौसमी, संतरे का सेवन किया जा सकता है, टाइफाइड में दाल, खिचड़ी, हरी सब्जियां पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर और पपीता खाएं।
टाइफाइड बुखार हो तो क्या करना चाहिए?
रोजाना कम से कम 8 ग्लास पानी पीएं। नारियल पानी इस बीमारी में बेहद फायदेमंद माना जाता है। कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें, टाइफॉयड के बुखार में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें खाने से भी शरीर को फायदा होता है। हालांकि एक बात का ध्यान रखें कि आप जो भी चीजें खा रहे हैं, उन्हें पचाने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
टाइफाइड में कौन सा काढ़ा पीना चाहिए?
टाइफाइट को दूर करने के लिए आप मुनक्का और अंजीर के काढ़ा का सेवन करें। शहद का सेवन करें इससे टाइफाइड बैक्टीरियां मरते हैं।
क्या टाइफाइड में दूध पीना चाहिए?
टाइफाइड बुखार डायरिया का कारण बन सकता है, जिस वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसलिए शरीर में पानी की पूर्ति करना जरूरी है। अगर आपको लूज मोशन हो गए हैं तो इलेक्ट्रोलाइट पानी पिएं। अगर लूज मोशन नहीं हैं तो डाइट में दूध भी शामिल कर सकते हैं।
टाइफाइड में कितने इंजेक्शन लगते हैं?
टाइफॉइड से बचाव हेतु 2 प्रकार के टीके लगाए जाते हैं: एक टीका निष्क्रिय (मृत) होता है जो कि शॉट (इंजेक्शन) के रुप में लगाया जाता है। दूसरा जीवित अल्पीकृत (क्षीण शक्ति) टीका होता है, जिसे मुख द्वारा लिया जाता है।
क्या टाइफाइड में नहाना चाहिए?
टाइफाइड दूषित पानी और गंदगी से फैलता है, इसलिए अपने आसपास साफ-सफाई का ख्याल रखें और साफ पानी का ही प्रयोग करें।
टाइफाइड में क्या सावधानी रखनी चाहिए?
सावधानियां:
- कच्ची चीज़ों का सेवन नहीं करें।
- गर्म पानी और साबुन से हाथ धोएं।
- खाने को पूरी तरह पकाकर खाएं, कच्चा खाना खाने से परहेज करें।
- लोगों से दूरी बनाकर रखें ताकि संक्रमण फैलने का खतरा कम रहे।
- स्वच्छता का रखें ध्यान।
- खाना दूसरों के साथ शेयर नहीं करें।
- गर्म पानी पीएं।
- स्ट्रीट फूड से परहेज करें। यहां टाइफॉइड बैक्टीरिया के पनपने की संभावना अधिक होती है।
- घर के बर्तनों को साफ-स्वच्छ पानी से धोएं।
- घर का बना ताजा और गर्म खाना खाएं, क्योंकि उच्च तापमान में बैक्टीरिया के बढ़ने की संभावना कम हो जाती है।
टाइफाइड की कमजोरी को कैसे दूर करें?
ज्यादा सूप पिएं,
फीवर में हल्का खाना चाहिए, जो कि जल्दी से पच जाए। खिचड़ी के साथ सूप भी बुखार के लिए बेहतर खाना माना जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। यदि आप बुखार में सूप को अपने डाइट चार्ट में शामिल कर ले, तो जल्द रिकवरी होगी और कमजोरी दूर हो जाएगी।
टाइफाइड में क्या दिक्कत होती है?
अगर आपको कई दिनों से बुखार आ रहा है, तो आप इसे नजरअंदाज ना करें, ये टाइफाइड का बुखार हो सकता है। इसके साथ ही आपको सिरदर्द की शिकायत हो रही है और शरीर में दर्द और भूख की परेशानी, कफ की समस्या या फिर पेट में दर्द और साथ ही दस्त औऱ कब्ज की शिकायत हो रही है तो ऐसे में आप तुंरत डॉक्टर के पास जाएं।
धन्यवाद!!