अदरक के फायदे (ginger’s benefits) और रोगों के उपचार, adrak ke Fayde,

दुनिया की सबसे ज्यादा उपजाए ओ जाने वाले मसाले के रूप में अदरक दुनिया का सबसे बहु उपयोगी औषधि गुण वाला पदार्थ है 100 से ज्यादा बीमारियों में इस चमत्कारी मसाले के औषधि लाभो पर अनगिनत अध्ययन किए गए हैं आधे से अधिक पारंपरिक हर्बल औषधियों में इसे शामिल किया जाता है आइए जानते हैं इसके गुणों को विस्तार से:

अदरक के फायदे (adrak ke Fayde), ginger’s benefits

अदरक का प्राचीन काल में प्रयोग:

भारत के आयुर्वेदिक ग्रंथों में अदरक को सबसे महत्वपूर्ण बूटियों में से एक माना गया है यहां तक कि उसे अपने आप में औषधियों का पूरा खजाना बताया गया है आयुर्वेदिक चिकित्सा इसका एक शक्तिशाली पाचक के रूप में लेने की सलाह देते हैं क्योंकि यही पाचक अग्नि को भड़काता है और भूख बढ़ाती है इसके पोषक तत्व शरीर के सभी हिस्सों तक आसानी से पहुंच पाते हैं आयुर्वेद में अदरक को जोड़ों के दर्द, मतली और गति के कारण होने वाले परेशानी के उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।

चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के चीनी ग्रंथों में अदरक को पेट की समस्याओं, मतली, दस्त, हैजा, दांतदर्द,‌ रक्तस्राव, और गठिया के उपचार के लिए एक औषधि के रूप में बताया गया है चीन के जड़ी-बूटी विशेषज्ञ इस बूटी का इस्तेमाल सर्दी खासी सहित तमाम श्रृऻस संबंधी बीमारियों के उपचार में भी करते हैं पांचवी सदी में चीनी नाविक लंबी समुद्री यात्राओं में स्करवीऺ॑ इलाज के लिए “अदरक” में मौजूद विटामिन सी तत्वों का इस्तेमाल करते थे।

ऐतिहासिक अभिलेखों से भी पहले से भारत और चीन में अदरक को एक मसाले और औषधि के रूप में उपजाया और इस्तेमाल किया जाता था दोनों देशों के शुरुआती चिकित्सा ग्रंथों में ताजे और सुखाए गए, दोनों रूपों में इस मसाले की औषधि इस्तेमाल का विस्तार से वर्णन है।

अदरक में कौन कौन से पोषक तत्व व विटामिंस पाए जाते हैं?

अदरक में कई तरह की पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे- कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम, जिंक, आयरन, फास्फोरस, मैगनीज और विटामिन-C इत्यादि पाए जाते हैं।

आइए अदरक के फायदे पर नजर डालते हैं।

अदरक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम:

आधुनिक शोधों में अदरक को विभिन्न प्रकार के कैंसर में एक लाभदायक औषधि के रूप में देखा जा रहा है और कुछ इसके आशाजनक नतीजे सामने आए हैं।

  • इस‌ अध्ययन में शोधकर्ताओं ने” ओवरी कैंसर” कोशिकाओं पर अदरक पाउडर और पानी का एक लेप लगाया हर परीक्षण में पाया गया कि अदरक के मिश्रण के संपर्क में आने पर कैंसर की कोशिकाएं नष्ट हो गई। हर कोशिका का ने या तो आत्महत्या कर ली जिसे एपोप्टोसिस कहा जाता हैं।
  • मिशिगन यूनिवर्सिटी कांप्रिहेंसिव कैंसर सेंटर के एक अध्ययन में पाया गया कि अदरक ने ना सिर्फ ओवरी कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट किया, बल्कि उन्हें कीमोथैरेपी से प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने से भी रोका जो की ओवरी के कैंसर में एक आम समस्या होती है।
  • अदरक को स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, और कॉलोन कैंसर, के इलाज में भी बहुत लाभदायक पाया गया है।
  • अदरक के इस्तेमाल के दूसरे फायदे यह है कि उसे कैप्सूल के रूप में दिया जाना आसान है। इसके बहुत कम दुष्प्रभाव होते हैं और यह पारंपरिक दवाओं का सत्ता विकल्प है।
  • जर्नल ऑफ बायोमेडिसिन एंड बायोटेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध में पता चला कि अदरक के पौधे के रसायनों ने स्वस्थ स्थान कोशिकाओं पर असर डाले बिना स्तन कैंसर की कोशिकाओं के प्रसार को रोक दिया गया।
  • आधुनिक विज्ञान प्रमाणित करता है कि अदरक कोलोन में सूजन को भी कम‌ कर सकता है। जिससे कोलोन कैंसर को रोकने में मदद मिलती है मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 30 मरीजों के एक समूह को 28 दिनों में 2 ग्राम अदरक की जड़ के सप्लीमेंट या प्लेसबो दिए 28 दिनों के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मरीजों ने अदरक की जड़ का सेवन किया था उनमें कोलोन की सूजन की चिन्हों, में काफी कमी पाई गई। इससे यह कोलोन कैंसर के रिक्स वाले लोगों में एक कारागर प्राकृतिक बचाओ विधि हो सकती है।
  • कहीं और तरह के कैंसर, जैसे गुदा कैंसर, लीवर कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, मेलानोमा और पैंक्रियाज के कैंसर, को रोकने में अदरक के तत्वों की छमता पर भी अध्ययन किए गए हैं यह एक दिलचस्प बात है कि एक कैंसर रोधी दवा बीटा-एलिमेन अदरक से बनाई जाती है।

अदरक मधुमेह में लाभदायक तत्व:

अध्ययनों में पाया गया है कि अदरक मधुमेह से होने वाली जटिलताओं से बचाव करती है अदरक मधुमेह पीड़ित के लीवर, किडनी, और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, को सुरक्षित कर सकती है साथ ही वह इस बीमारी की एक आम दुष्प्रभाव मोतियाबिंद, का खतरा भी कम करती है।

ऑस्ट्रेलिया में सिडनी यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में अदरक को टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए असरदार उपाय गया। अदरक की तत्व इंसुलिन के प्रयोग के बिना ग्लूकोस को स्नायु कोशिकाओं तक पहुंचाने की प्रक्रिया बढ़ा सकते हैं इस तरह इससे उच्च रक्त शर्करा स्तर (हाई शुगर लेवल) को काबू करने में मदद मिल सकती है।

मधुमेह के मामले में अध्ययनों ने अदरक को इसके बचाव और उपचार दोनों में असरकारी माना है।

अदरक के फायदे पेट के लिए:

भोजन से पहले नमक छिड़क कर अदरक के टुकड़े खाने से लार बढ़ता है जो पाचन में मदद करता है और पेट की समस्याओं से बचाव करता है भारी भोजन के बाद अदरक की चाय पीने से भी पेट फूलने और उदर वायु को कम करने में मदद मिलती है। अगर आपको पेट की समस्याएं ज्यादा परेशान कर रहे हैं तो आप फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को दूर करने के लिए भी अदरक का सेवन कर सकते हैं।

अदरक को हजारों सालों से प्राचीन सभ्यताओं द्वारा एक पाचक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है इसके वात‌ को दूर करने वाले तत्व पेट की गैस को दूर करके पेट फूलने और उदर वायु की समस्या से बचाव करते हैं साथ ही पेट में मरोड़ को ठीक करने वाले इसके तत्व मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हुए अजीणॆता मैं राहत पहुंचाते हैं। पेट दर्द से राहत और बैक्टीरिया जनित दस्त के उपचार में अक्सर अदरक लेने की सलाह दी जाती है।

अदरक हृदय के लिए लाभकारी:

आधुनिक अध्ययन दर्शाते हैं कि इस जड़ी बूटी के तत्व कैस्ट्रोल को कम करने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने रक्त प्रवाह में सुधार लाने और अवरुद्ध अटरियो ‌ तथा रक्त के धक्कों से बचाओ करने का काम करते हैं यह सारी चीजें हृदयाघात और स्ट्रोक के जोखिम को कम करती हैं

अदरक सालों से हृदय रोगों के उपचार में इस्तेमाल होती रही है चीनी चिकित्सा में कहा जाता है की अदरक की उपचारात्मक गुण हृदय को मजबूत बनाते हैं ह्रदय रोगों से बचाव और उसके उपचार में अक्सर अदरक के तेल का प्रयोग किया जाता था।

अदरक जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस में राहत देती है

  • कई और वैज्ञानिक भी जोड़ों के दर्द में अदरक के असर की पुष्टि करते हैं गठिया के शुरुआती चरणों में यह खासतौर पर असरकारी होता है ओस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित बहुत से मरीजों ने नियमित तौर पर अदरक के सेवन से दर्द कम होने और बेहतर गतिशीलता का अनुभव किया।
  • हांग कांग में हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि अदरक और संतरे के तेल से मालिश करने पर घुटने की समस्याओं वाले मरीजों में थोड़ी देर के लिए होने वाली अकड़न और दर्द में राहत मिलती है।
  • अदरक में जिंजरोल नामक एक बहुत असरदार पदार्थ होता है जो जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करता है एक अध्ययन के मुताबिक अदरक गंभीर और स्थाई इन्फ्लामेटरी रोगों के लिए एक असरकारी उपचार है।
  • अदरक अदरक कसरत से होने वाले सूजन और मांसपेशियों के दर्द को भी कम कर सकती हैं जार्जिया यूनिवर्सिटी द्वारा करवाए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगातार 11 दिन तक 34 और 40 वा॓टलियरो के दो समूह को कच्ची और पकाई हुई अदरक खिलाई। अध्ययन के नतीजों से यह निष्कर्ष निकला गया कि अदरक के सप्लीमेंट्स का रोजाना इस्तेमाल कसरत से होने वाले मांसपेशियों के दर्द में 25 फ़ीसदी तक राहत देती है।

अदरक माइग्रेन और मासिक धर्म की पीड़ा को कम करती है:

अदरक डिस्मेनोरिया (पीड़ादायक मासिक धर्म) से जुड़े दर्द को भी काफी कम करने में मददगार है ईरान में किए गए एक शोध में 70 महिलाएं विद्यार्थियों को दो समूहों में बांटा गया एक समूह को अदरक के कैप्सूल और दूसरे को एक प्ले प्लेसबो दिया गया। दोनों को उनके मासिक चक्र के पहले 3 दिनों तक यह चीजें दी गई शोधकर्ताओं ने पाया की अदरक के कैप्सूल लेने वाली 82.85 फ़ीसदी महिलाओं ने दर्द के लक्षणों में सुधार बताया जबकि प्लेसबो सिर्फ 47.05 फ़ीसदी महिलाओं को ही राहत मिली।

शोध से पता चलता है की अदरक माइग्रेन सिरदर्द में राहत दे सकती है ईरान में किए गए एक और फाइटोथेरेपी रिसर्च जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया की माइग्रेन के लक्षणों के उपचार में अदरक पाउडर माइग्रेन की आम दवा सुमाटि्प्टन जितनी ही असरदार है।

क्लीनिकल ट्रायल में तीव्र लक्षणों वाले माइग्रेन पीड़ितों में से कुछ को सुमाटि्प्टन दिया गया और बाकियों को अदरक पाउडर। शोध में पाया गया कि दोनों के प्रभाव क्षमता एक जैसी थी और अदरक पाउडर के दुष्प्रभाव सुमाटि्प्टन के मुकाबले बहुत कम थे। इससे यह पता चलता है कि यह माइग्रेन का अधिक सुरक्षित उपचार है।

अदरक और शहद के फायदे सर्दी-खांसी में लाभदायक:

अदरक प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है जिससे यह सर्दी-खांसी तथा फ्लू कर जाना माना उपचार है। ऊपरी श्वसन मार्ग के संक्रमण मैं आराम पहुंचाने के कारण यही खासी खराब गले और ब्रोकाइटिस इसमें काफी असरकारी होती है। अदरक सर्दी के समय उत्तेजित होने वाले दुखदाई साइनस सहित शरीर के सूची संरक्षण माध्यमों को भी साफ करती है सर्दी-खांसी और फ्लू में नींबू तरह सहित के साथ अदरक की चाय पीना बहुत लोकप्रिय नुस्खा है जो पूर्व और पश्चिम दोनों में कई पीढ़ियों से हमें सौंपा जाता रहा है।

अदरक स्वसन की समस्याओं और दमा के उपचार में असरकारी:

श्वसन संबंधी समस्याओं के उपचार में अदरक के तत्वों के सकारात्मक नतीजे देखे हैं शोध से पता चलता है कि दमा से पीड़ित मरीजों के उपचार में इसका प्रयोग आशा जनक रहा है दमा एक स्थाई बीमारी है जिसमें फेफड़ों की ऑक्सीजन वाहिकाओं को के स्नायुओ, मैं सूजन आ जाती है और वह विभिन्न पदार्थों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं जिससे दौरे पड़ते हैं। अदरक अपने शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट, सूजन रोधी anti-inflammatory और दर्द निवारक तत्व के कारण असरकारी होती है इसके गुण non-steroidal anti-inflammatory दवाओं के समान होते है।मगर इसके नकारात्मक दुष्प्रभाव नहीं होते हैं जबकि दमा की बीमारी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के चिंताजनक दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं इसीलिए अदरक जैसे विकैल्पिक एक सुरक्षित उपचार का मिलना इस रोग के उपचार में एक आशाजनक खोज है।

अदरक मोशन सिकनेस को कम करती है:

अलग-अलग तरह की मतली और उल्टी को ठीक करने में अदरक बहुत मददगार होती है। गर्भवती स्त्रियों में मॉर्निंग सिकनेस, सफर पर रहने वाले लोगों में मोशन सिकनेस, और कीमोथैरेपी के मरीजों में भी मितली की समस्या में यह राहत देती है। कीमोथैरेपी के दौरान वमन रोकने वाली दवाई दिए जाने के बावजूद 80 फ़ीसदी मरीजों को मितली की परेशानी होती है वयस्क कैंसर रोगियों पर किए गए एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि रोजाना की मुंह से पहले आधा से 1 ग्राम अदरक की डोज दिए जाने पर अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 91 फ़ीसदी मरीजों में तेज मितली की गंभीरता काफी हद तक कम हुई है।

अदरक चक्कर आने के साथ आने वाली मितली को भी कम करने में मदद करती है इस संबंध में हुए शोध से पता चलता है कि इस मामले के उपचारात्मक का रसायन मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में काम करते हुए उबकाई के असर को कम करते हैं।

अदरक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है:

दुनिया में हुए बहुत से अध्ययनों में पाया गया है कि अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट पैरोक्सिडेशन और डीएनए क्षति को रोकती है। एंटी ऑक्सीडेंट बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे फ्री रेडिकल्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं इससे उम्र के साथ आने वाली तमाम तरह की बीमारियों जैसे कैंसर, हृदय, रोग, मधुमेह, अर्थराइटिस, अल्जाइमर, और बाकी रोगों से बचाव में मदद मिलती है।

ध्यान देने योग्य बातें:-

  • 2 साल से कम उम्र के बच्चों को अदरक नहीं दी जानी चाहिए।
  • आमतौर आमतौर पर वयस्को को 1 दिन में 4 ग्राम से ज्यादा अदरक नहीं लेनी चाहिए इसमें खाना पकाने में इस्तेमाल किया जाने वाला अदरक शामिल है।
  • अदरक खून पतला करने वाली दवाओं सहित बाकी दवाओं के साथ परस्पर प्रभाव कर सकती है।
  • किसी विशेष समस्या के लिए अदरक की खुराक की जानकारी और संभावित दुष्प्रभावों के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अत्यधिक सूजन को कम करने के लिए आप रोजाना प्रभावित क्षेत्र पर कुछ अदरक के तेल से मालिश कर सकते हैं ।
  • गर्भवती गर्भवती स्त्रियों को 1 ग्राम रोजाना से अधिक नहीं लेना चाहिए।
  • आप अदरक की चाय बनाने के लिए सूखे या ताजे अदरक की जड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं और उसे रोजाना दो से तीन बार पी सकते हैं।

अदरक खाने के फायदे:

  • खून साफ करने में मददगार।
  • पाचन सुधरता है
  • ठंड लगने की संभावना कम करता है

गुड और अदरक के फायदे” -अदरक और गुड़ की चाय

चाय की है स्वास्थ्यकर रेसिपी आप को ताजगी और स्फूर्ति से भर देगी साथ ही इस में कैफीन के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं।

  • 2 से 3 मिनट तक उबलने दें
  • एक पतीले मैं 4:30 का पानी वाले पानी की उबलने पर 2 इंच अदरक के टुकड़े को 20 से 25 तुलसी पत्तों के साथ कूट लें
  • इस पेस्ट को सूखी धनिया के बीजों के साथ उबलते पानी में डाल दे
  • चायचाय के कप में छाले और स्वाद के लिए एक चम्मच नींबू का रस और गुण मिलाए । गरम-गरम पिएं

मैं आशा करती हूं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।।

धन्यवाद!! (by GS India Nursing Lucknow)…

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