हिस्टीरिया या उन्माद (Hysteria)

हिस्टीरिया केवल स्त्रियों को ही होता है। हिस्टीरिया का रोग अन्य मानसिक रोगों की अपेक्षा अधिक होता है।

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हिस्टीरिया (Hysteria) की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। बहुधा ऐसा कहा जाता है, हिस्टीरिया अवचेतन अभिप्रेरणा का परिणाम है। अवचेतन अंतर्द्वंद्र से चिंता उत्पन्न होती है और यह चिंता विभिन्न शारीरिक, शरीरक्रिया संबंधी एवं मनोवैज्ञानिक लक्षणों में परिवर्तित हो जाती है। रोगलक्षण में बह्य लाक्षणिक अभिव्यक्ति पाई जाती है।

दौरे पड़ना: रह-रह कर हाथ, पैरों व शरीर में झटके आना, ऐंठन होना व बेहोश हो जाना। अचेत हो जाना:- रोगी अचानक या धीरे -धीरे अचेत हो सकता है। इस दौरान उसकी सांसें चलती रहती हैं, शरीर बिल्कुल ढीला हो जाता है लेकिन दांत कसकर भिंच जाते हैं। यह अचेतन अवस्था कुछ मिनटों से लेकर कछ घंटों तक बनीं रह सकती है।

हिस्टीरिया के कारण,

इसके मुख्य कारण निम्न है,

  • वृद्धि की कमी
  • संश्लेषण का अभाव
  • लैंगिक असंतोष
  • अनुवांशिक दोष
  • दोषपूर्ण अनुशासन
  • संकेत
  • आयु किशोरावस्था में ज्यादा होता है
  • संवेगात्मक तनाव दुख निराशा असफलता के कारण।

स्त्री हिस्टीरिया क्या है?

शरीर के किसी अंग में ऐंठन, थरथराहट, बोलने की शक्ति का नष्ट होना, निगलने व सांस लेते समय दम घुटना, बहरापन, तेज-तेज चिल्लाना या खूब हंसना जैसे लक्षण सुनिश्चित करते हैं कि स्त्री हिस्टीरिया से ग्रसित है। रोग के लक्षण एकाएक प्रकट या लुप्त हो सकते हैं। लेकिन कभी-कभी लगातार हफ्तों या महीनों तक भी ये बने रह सकते हैं।

हिस्टीरिया बीमारी के क्या लक्षण होते हैं?

इस रोग के लक्षणों में रोगिणी को दौरा पडऩे के पूर्व आभास होने लगता है परंतु दौरा पडऩे के पश्चात होश नहीं रहता। बेहोशी का दौरा 24 से 48 घंटों तक रह सकता है। इस दौरान झटके आते हैं, मुट्ठी बंध जाती है, दांत भिंच जाते हैं, कंककंपी होती है, सांस लेने में अड़चन, सांस रुकने आदि के लक्षण होते हैं।

हिस्टीरिया और मिर्गी में क्या अंतर है?

हिस्टीरिया में प्रारंभिक लक्षण मिर्गी जैस ही होते हैं। फर्क इतना होता है कि हिस्टीरिया में व्यक्ति जल्दी सामान्य हो जाता है और मिर्गी में थोड़ा वक्त लगता है। मिर्गी का दौरा पड़ने से पहले व्यक्ति के दीमाग में तेज प्रकाश जैसा महसूस होता है। यदि यह बच्चों में होता है तो सामने वाले को थप्पड़ तक मार देते हैं।

लड़कियों को हिस्टीरिया की बीमारी कैसे होती है

लड़कियों की शादी में देरी, पति-पत्नी के बीच लड़ाई-झगड़े, पति की अवहेलना या दुव्र्यवहार, तलाक, मृत्यु, गंभीर आघात, धन हानि, मासिक धर्म विकार, संतान न होना, गर्भाशय के रोग आदि ऐसे कई कारण हैं जो इस बीमारी की वजह बनते हैं।

हिस्टीरिया अटैक क्या होता है?

हिस्टीरिया की बीमारी अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। इसका कारण भावनात्मक चोट या कोई सदमा होता है। जबकि मिर्गी दिमागी चोट, ट्यूमर, दिमाग में कीड़े के कारण होता है। मिर्गी का दौरा रात को सोते समय भी सकता है, जबकि हिस्टीरिया जागते हुए गहरे आघात के कारण होता है।

हिस्टीरिया कैसे ठीक होगा?

0 हिस्टीिरया के मरीज को तामसिक भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। 0 बेहोशी आने पर हींग और प्याज काटकर सुंघाएं। 0 ऐसे मरीज को प्रतिदिन जामुन का सेवन करना चाहिए। 0 प्रतिदिन सुबह शाम एक-एक चम्मच शहद का सेवन करने से हिस्टीरिया के मरीज को आराम मिलता है।

हिस्टीरिया का क्या मतलब होता है?

हिस्टीरिया (Hysteria) की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। बहुधा ऐसा कहा जाता है, हिस्टीरिया अवचेतन अभिप्रेरणा का परिणाम है। अवचेतन अंतर्द्वंद्र से चिंता उत्पन्न होती है और यह चिंता विभिन्न शारीरिक, शरीरक्रिया संबंधी एवं मनोवैज्ञानिक लक्षणों में परिवर्तित हो जाती है। रोगलक्षण में बह्य लाक्षणिक अभिव्यक्ति पाई जाती है।

हिस्टीरिया का उपचार,

हिस्टीरिया का उपचार निम्न है,

  • पुनरशिक्षण
  • सुझाव विधि
  • सम्मोहन
  • मनेविश्लेषण विधि,

धन्यवाद!!

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