वर्तमान में भारत में जनसंख्या वृद्धि एक महत्त्व पूर्ण समस्या है, क्यूंकि जनसंख्या वृद्धि के कारण राष्ट्र की जनसंख्या में भारी वृद्धि होती है। जबकि सरकार द्धारा किए जाने वाले उपाय सीमित मात्रा में होते हैं। अतः उपलब्ध सुविधाएं एवम उपलब्ध जनसंख्या का अनुपात असमान हो जाता है, जिसके परिणाम स्वरूप एक कुचक्र आरंभ होता है। इस कुचक्र में एक बार जनसंख्या वृद्धि होने पर अन्य समस्या उत्पन्न होती है, जो पुनः जनसंख्या वृद्धि में योगदान देती है। बीसवी शताब्दी में भारत की जनसंख्या चार गुनी से अधिक हो गई है, वह एक गंभीर मसला है। जनसंखया के आकार, संरचना एवम वितरण का अध्यन Demography कहलाता है।
जनसंख्या वृद्धि के कारण (Causes of Population Exploitation)
जनसंख्या वृद्धि के कारण को निम्न प्रकार वर्गीकृत किया जाता है,
1. उच्च जन्मदर को प्रेरित करने वाले कारण
- अशिक्षा
- मनोरंजन साधनों की कमी
- भाग्यवादी दृष्टिकोण
- परिवार नियोजन की उपेक्षा
- बेटे का जन्म अनिवार्य होना
- सामाजिक सुरक्षा का अभाव
- गर्म जलवायु
- स्त्री शिक्षा का अभाव एवं पराधीनता
- गरीबी
- बाल विवाह
- धार्मिक अंधविश्वास
- संयुक्त परिवार प्रथा
- उत्तेजना जनक वातावरण,
2. मृत्यु दर को घटाने वाले कारक
- आर्थिक स्तर में वृद्धि
- जागरूकता में वृद्धि
- शिक्षा का प्रसार
- महामारीओ एवं अकाल पर नियंत्रण
- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा में वृद्धि,
3. अन्य कारण
- इन्हीं राजनीतिक कारण भी कहा जा सकता है या निम्न है,
- परिवार नियोजन के प्रति राजनीतिक दृढ़ता का अभाव
- प्रवासियों की स्वदेश वापसी
- कमजोर राजनीतिक नेतृत्व
- शरणार्थियों का आगमन,
जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न समस्याएं,
उच्च जनसंख्या वृद्धि के कारण सरकार द्वारा उपाय पर्याप्त नहीं होते हैं एवं निम्न समस्याओं पर होती हैं,
- बेरोजगारी
- तीव्र जनसंख्या वृद्धि
- अशिक्षा
- महामारी
- अपराध
- महंगाई
- कुपोषण
- गरीबी,
इन सभी समस्याओं के निराकरण के लिए जनसंख्या वृद्धि का नियंत्रण अति आवश्यक है ,जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण का कार्य सामान्य भाषा में परिवार नियोजन कहा जाता है, परिवार नियोजन के माध्यम से व्यक्तिगत स्वास्थ्य से लेकर राष्ट्रीय सूचकांको तक में परिवर्तन किया जा सकता है अतः परिवार नियोजन अति महत्वपूर्ण है।
परिवार नियोजन (family planning)
भारत दुनिया में पहला देश है जिसने 1952 में परिवार नियोजन के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था।
फैमिली प्लानिंग individual एवं couples द्वारा स्वैच्छिक रूप से अपनाया गया सोचने एवं रहने का तरीका है एवं जिसे वे अपने ज्ञान एवं दृष्टि कोण से अपनाते हैं एवं जिसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य स्तर को उन्नत बनाना एवं सभी नागरिकों का सामाजिक विकास एवं कल्याण करना है।
या,
परिवार नियोजन “व्यक्तियों और जोड़ों की अपनी वांछित संख्या में बच्चों का अनुमान लगाने और प्राप्त करने और उनके जन्म के अंतराल और समय को प्राप्त करने की क्षमता है। यह गर्भनिरोधक विधियों के उपयोग और अनैच्छिक बांझपन के उपचार के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।”
परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
(1) पहले बाल विवाह रोकना; (2) पहले जन्म के समय आयु में देरी (3) दो जन्मों के बीच अंतर बढ़ाने को बढ़ावा देना (4) परिवार नियोजन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना। संदर्भ दूसरा, भारत की जनसंख्या वृद्धि में जनसंख्या गतिशीलता की महत्वपूर्ण भूमिका है।
भारत में परिवार नियोजन की आवश्यकता क्यों है?
भारत में परिवार नियोजन का महत्व,
परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार और माता एवं उसके बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले परिवार नियोजन में जन्म अंतराल पर महत्व दिया गया है जिसमें बताया गया है कि एक से दूसरे बच्चे के जन्म के मध्य कम से कम 2 वर्ष का अंतर होना चाहिए।
परिवार नियोजन से आप क्या समझते हैं?
परिवार नियोजन से तात्पर्य एक ऐसी योजना से है, जिसमें परिवार की आय, माता के स्वास्थ, बच्चों के समुचित पालन पोषण तथा शिक्षा को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त समय पर और एक आदर्श संख्या में सन्तानों को जन्म दिया जाए।
धन्यवाद!!