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अपरा या गर्भनाल (Placenta) क्या होता है।‌ प्लेसेंटा का विकास कैसे होता है। ‌प्लेसेंटा में रक्त परिसंचरण कैसे होता है। प्लेसेंटा के कार्य क्या होते हैं।

प्रिय पाठको, इस आर्टिकल में हम प्लेसेंटा (Placenta) के बारे में अच्छी तरीके से सटीक एवं शुद्ध जानकारी प्राप्त करेंगे। (Dr. Anu, Gynecologist, Kanpur).

प्लेसेंटा (Placenta) क्या होता है।

गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा एक महत्वपूर्ण अंग होता है। जिसके द्वारा गर्भाशय में स्थित भ्रूण की शरीर में माता के रक्त का पोषण पहुंचाता रहता है और जिससे भ्रूण की वृद्धि होती है यह अंग माता और भ्रूण के शरीरों में संबंध स्थापित करने वाला अंग होता है। जो भ्रूण की पोषकोरक (Trophoblast) स्तर एवं मातृकाओ द्वारा निर्मित होता है। यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूणीय परिवर्धन हेतु आवश्यक तत्वों का आदान प्रदान करता है।

प्लेसेंटा का विकास कैसे होता है।

प्लेसेंटा का विकास निम्न परतो से मिलकर होता है।

प्लेसेंटा में रक्त परिसंचरण कैसे होता है।

भ्रूणीय रक्त जो कि तुलनात्मक कम ऑक्सीजनित होता है भ्रूण के हृदय द्वारा प्लेसेंटा की ओर दो नाभि धमनियां‌ (Umbilical arteries), की शाखाओं से होता हुआ कोरियोनिक विली तक पहुंच जाता हैं।

प्लेसेंटा के कार्य क्या होते हैं।

Function of Placenta
Placenta’s functions/ placenta ke karya

प्लेसेंटा द्वारा भोजन का संग्रहण (Glycogen) रूप में भी किया जाता है। यह (Glycogen) आवश्यकता होने पर पुनः ग्लूकोज में परिवर्तित होकर शरीर की पोषण आवश्यकताओं को पूरा करती है। ‌

प्लेसेंटा, अंतस्रावी ग्रंथियां भी कार्य करती हैं। इसके द्वारा निम्न हार्मोन स्रावित होते हैं।

एच.सी.जी. (HCG)- (, Human Chorionic Gonadotrophin),

यह कोरियोनिक विली की ट्रोफोब्लास्ट परत द्वारा स्रावित होता हैं। इसकी सर्वाधिक मात्रा 7 से 10 सप्ताह के मध्य होती है यह गर्भावृद्धि बढ़ने के साथ-साथ मात्रा में कम होता जाता है। इसका मुख्य कार्य (Carpus luteum) को वृद्धि को प्रोत्साहित करना है। इस हार्मोन की अतिरिक्त मात्रा स्त्री के मूत्र में उपस्थित होती है। जिससे गर्भावस्था का पता लगाया जा सकता है।

एस्ट्रोजन हार्मोन (Oestrogen),

आरंभ में यह हार्मोन (Carpus luteum) स्रावित होता है। का प्रमुख कार्य प्लेसेंटा का रख-रखाव एवं मरम्मत करना है परंतु जैसे-जैसे कार्पस लुटियम की क्रियाशीलता कम होती जाती है प्लेसेंटा स्वयं यह हार्मोन स्रावित करने लगता है।

प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone),

कार्पस लुटियम मुख्यतः 3 माह तक सक्रिय रहता है। एवं प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भावस्था को बनाए रखने में मदद करता है इसका स्राव प्रसव क्रिया आरंभ होने तक होता है।

एच.पी.एल. (HPL)- (Human Placental Lactogen),

यह गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज उपापचय मैं भूमिका निभाता है।

रिलेक्सिन (Relaxin),

प्रसव के समय रिलेक्सिन हार्मोन, प्रसव आसान बनाने हेतु अंडाशय एवं प्लेसेंटा द्वारा रिलेक्सिन हार्मोन का स्रावित होता है। यह हार्मोन (Pelvic-girdle) की जघन सहवर्धन (pubicsymphysis), संधि को ढीला कर देता है जिसके फलस्वरूप दोनों मेखलाएं, एक दूसरे से दूर हट जाती हैं एवं शिशु को बाहर निकलने के लिए अधिक मार्ग उपलब्ध हो जाता है।

मैं आशा करती हूं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।।

धन्यवाद!! (by GS India Nursing, Lucknow, India)…

Dr. Shanu AK…….!!

Dr. Anu……..!!

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