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चिकित्सकीय गर्भावस्था-समापन (Medical Termination of Pregnancy (MTP), MTP act 1971 & New guidelines of MTP act 2021, MTP act 1971 Vs 2021, (by GS India Nursing)

MTP, क्या है आइए जानते हैं (परिभाषा):

एमटीपी (Medical Termination of Pregnancy) यह गर्भपात वह प्रक्रिया है जिसमें गर्भ का समापन दवाई या शल्य चिकित्सा द्वारा किया जाता है। लगभग 8 प्रतिशत मातृ मृत्यु असुरक्षित गर्भपात के कारण होती है।

MTP act 1971 Vs 2021

भारतीय संसद में 1971 में चिकित्सकीय गर्भपात अधिनियम (Medical Termination of Pregnancy Act या MTP Act) पारित किया था।

गर्भावस्था की तरह 28 सप्ताह की अवधि पूर्व गर्भावस्था को जानबूझकर समाप्त करना इंडक्शन ऑफ अबॉर्शन कहलाता है। इंडक्शन ऑफ अबॉर्शन कानूनी या गैर कानूनी हो सकता है इंडक्शन ऑफ अबॉर्शन का लीगल विधि एमटीपी कहलाता है।

MTP को MTP Act-1971 द्वारा मान्यता प्राप्त है इसे अप्रैल 1972 में लागू किया गया।

20 सप्ताह की गर्भावस्था पूर्व मां के स्वास्थ्य एवं जीवन के लिए लाभदायक स्थिति को लाने के लिए गर्भावस्था का समापन जिससे एक (Registered Medical Practitioner) द्वारा एमटीपी एक्ट 1971 के तहत किया जाता है चिकित्सा गर्भावस्था समापन एमटीपी कहलाता है।

गर्भपात किन स्थितियों में किया जा सकता है।

एमटीपी संशोधन अधिनियम 2021 के प्रमुख प्रावधान: (New guidelines of MTP act 2021)-

एमटीपी संशोधन अधिनियम 2021 के अनुसार, गर्भ समापन की अवधि 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह कर दी गई है। एमटीपी एक्ट 1971 के अनुसार, यह अवधि 20 सप्ताह तक थी।

MTP act 1971 and 2021

गर्भनिरोधक विधि या डिवाइस की विफलता के कारण समाप्ति:

अधिनियम के तहत गर्भनिरोधक विधि या उपकरण की विफलता के मामले में एक विवाहित महिला द्वारा 20 सप्ताह तक के गर्भ को समाप्त किया जा सकता है यह विधेयक अविवाहित महिलाओं को भी गर्भनिरोधक विधि या डिवाइस की विफलता के कारण गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देता है।

गर्भ की समाप्ति के लिए चिकित्सकों से राय लेना आवश्यक:

विशेष श्रेणियों के लिए अधिकतम गर्भावधि सीमा:

महिलाओं की विशेष श्रेणियों (इसमें दुष्कर्म तथा अनाचार से पीड़ित महिलाओं तथा अन्य कमजोर महिलाओं जैसे दिव्यांग महिलाओं और नाबालिक आदि) के लिए गर्भ काल गर्भावधि की सीमा को 20 से 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है।

गोपनीयता:

गर्भ को समाप्त करने वाली किसी महिला का नाम और अन्य विवरण वर्तमान कानूनी में अधिकृत व्यक्ति को छोड़कर किसी के भी समझ प्रकट नहीं किया जाएगा ।

गर्भपात डॉक्टरों द्वारा किया जाएगा:

गर्भपात से संबंधित कानून:

गर्भपात की विधियां:

खतरे के लक्षण:

गर्भपात का चयन करने से पहले इस प्रक्रिया के दौरान होने वाले संभावित खतरों के लक्षणों के विषय में महिला को अवश्य बताएं कि यदि वह इनमें से किसी भी लक्षण को देखे या महसूस करें तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाए या सेवा प्रदाता से संपर्क करें खतरे के लक्षण हैं।

गर्भपात के बाद गर्भधारण की संभावना:

पहली तिमाही: (गर्भपात के 11 दिन के बाद).

दूसरी तिमाही: (गर्भपात के 2-4 सप्ताह से).

गर्भपात के बाद जल्दी गर्भधारण होने से मां व शिशु को खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है। अतः यह जरूरी है कि गर्भपात के बाद महिला कम से कम 6 महीने तक गर्भधारण ना करें और परिवार नियोजन का कोई ना कोई साधन अवश्य अपनाएं।

गर्भपात के बाद परिवार नियोजन:

गर्भपात के बाद देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू परिवार नियोजन परामर्श और विधियों का इस्तेमाल करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की महिला भविष्य में अनियोजित गर्भधारण से बची रहे।

परिवार नियोजन विधि (Family Planning Methods)

मैं आशा करती हूं। कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।।

धन्यवाद!! (by GS India Nursing Lucknow)…

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