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एक्लेम्पसिया (Eclampsia) क्या होता है, एक्लेम्पसिया के कारण एवं लक्षण क्या होते है, एक्लेम्पसिया की अवस्थाएं क्या होती है,

हाय दोस्तों, इस आर्टिकल में हम एक्लेम्पसिया (Eclampsia) के बारे मैं जानेंगे। इससे संबंधित संपूर्ण जानकारी सही एवं सटीक प्राप्त करेंगे। इस आर्टिकल में हम निम्न प्रश्नों के उत्तर के बारे में समझेंगे। (Dr. Anu, Gynecologist, Kanpur).

एक्लेम्पसिया (Eclampsia) क्या होता है।

एक्लेम्पसिया एक गंभीर जटिलता होती है इस दुर्लभ स्थिति में प्रेग्नेंट महिला को हाई ब्लड प्रेशर रहने के कारण दौरे पड़ने लगते हैं यदि इसका इलाज न किया जाए तो मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।

वह स्थिति जब (pre-eclampsia) के लक्षणों के साथ जटिलता के रूप में दौरे एवं, कोमा बेहोशी जैसी की समस्या उत्पन्न होने लगती है। वैश्विक स्तर पर लगभग 14 फ़ीसदी प्रेग्नेंट महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। यह 25% मामलों में प्रसव पूर्व अवधि श्रम के दौरान, एवं 50% इंट्रापार्टम अवधी श्रम के दौरान, एवं 25% प्रसवोत्तर अवधि श्रम के बाद में प्रकट होते हैं।

एक्लेम्पसिया के कारण क्या होते हैं।

यह मुख्यतः (Pre-eclampsia) की जटिल रूप से है एवं इसमें दौरे एवं कोमा की आने का प्रत्यक्ष कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है परंतु यह मस्तिष्क के कार्य में व्यवधान के परिणामस्वरूप प्रकट होते हैं इन्हें नियमित क्रम से समझाया जा सकता है।

एक्लेम्पसिया के लक्षण क्या होते हैं।

एक्लेम्पसिया के लक्षणों को निम्न प्रकार समझा जा सकता है।

एक्लेम्पसिया की अवस्थाएं कितनी होती है।

एक्लेम्पसिया का सबसे मुख्य लक्षण (Convulsions) या (Fits) होता है जो कि मिर्गी के दौरे के समान होते हैं इन दौरों में चार अवस्थाएं होती हैं।

एक्लेम्पसिया की जटिलताएं क्या होती है।

एक्लेम्पसिया के दौरान भ्रूण में जटिलताएं क्या होती है

एक्लेम्पसिया का प्रबंधन क्या होता है।

प्रीक्‍लैंप्‍सिया और एक्लेम्पसिया के इलाज के लिए डिलीवरी करवाई जाती है डॉक्टर स्थिति की गंभीरता और शिशु के विकास के आधार पर डिलीवरी का समय निर्धारित करते हैं। अगर हल्का प्रीक्‍लैंप्‍सिया हो तो डॉक्टर स्थिति को मॉनिटर कर दवाओं से इलाज करके उसे एक्लेम्पसिया तक पहुंचाने से रोकते हैं। दबाव और मॉनिटर करने से शिशु की डिलीवरी के लिए, (mature) और होने तक ब्लड प्रेशर के लेवल पर नजर रखी जाती है।

रोगी की सामान्य देखभाल करना। अगर रोगी को दौरे आने की संभावना रहती है तो बेड की चारों ओर रेलिंग लगी होनी चाहिए जिससे रोगी को गिरने से बचाया जा सकता है। एवं रोगी की स्थिति को नियमित रूप से बदलते रहना चाहिएं।

दौरे की संभावना होने पर (Pre-Monitory stage) मैं ही रोगी के मुंह मैं दांतो के बीच (Mouth gag) रख देना चाहिए इससे रोगी की जीभ को चोट लगने से बचाया जा सकता है। एवं (Mouth gag) झटके समाप्त होने के बाद मुंह से बाहर निकाल लेना चाहिए। और दौरे पड़ने के दौरान रोगी को चोट या फ्रैक्चर हो सकता है। अतः नर्स को सदैव रोगी के समीप उपस्थित रहना चाहिए।

एक्लेम्पसिया की (Drugs of choice), क्या होती है।

गंभीर प्रीक्लेम्पसिया का इलाज करने वाली दवाओं में आमतौर पर शामिल हैं। रक्तचाप को कम करने के लिए उच्चरक्तचापरोधी दवाएं। दौरे को रोकने के लिए एंटीकॉन्वेलसेंट दवा, के रूप में शामिल हैं।‌ जैसे मैग्नीशियम सल्फेट,(magnesium sulphate), (MgSO4), दी जाती है। एवं प्रसव से पहले आपके बच्चे के फेफड़ों (Lungs) के विकास को बढ़ावा देने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे, डेक्सामेथासोन दवा (Dexamethasone) दी जाती है।‌

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