ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer-स्तन कैंसर) क्या है? इसके स्टेजेज, लक्षण और उपचार (ट्रीटमेंट)

इस आर्टिकल में हम “स्तन कैंसर (breast cancer)” के बारे में विस्तार पूर्वक समझेंगे की ब्रेस्ट कैंसर क्या है? ब्रेस्ट कैंसर के कितने स्टेज़ होते हैं और इसके लक्षण, उपचार क्या है? (by Dr. Anu, KGMU).

ब्रेस्ट कैंसर/स्तन कैंसर (Breast Cancer)
  • ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) क्या है?
  • ब्रेस्ट कैंसर की कितनी अवस्थाएं (stages) होती हैं?
  • ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) कैसे फैलता है?
  • ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) के लक्षण क्या हैं?
  • ब्रेस्ट कैंसर का उपचार/ट्रीटमेंट क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer) क्या है?

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाला अब आम कैंसर हो गया है। महिलाओं के शरीर में स्तन का कार्य अपने टिश्यू से दूध बनाने का होता है। यह टिश्यू सूक्ष्म में वाहिनियों के जरिए निप्पल से जुड़े होते हैं। जब ब्रेस्ट वाहिनियों में छोटे सख्त कण जमने लगते हैं। या स्तन के टिश्यू में गांठ बनती है तब यह गांठ कैंसर (Cancer) का रूप लेने लगते है। स्तन कैंसर के दुर्लभ मामलों में कोई गांठ (Lump in Breast) या असामान्य कोशिका में वृद्धि नहीं होती है। जिसके चलते अक्सर आप अपनी बीमारी के बारे में पता नहीं कर पाते हैं ऐसा माना जाता है कि स्तन कैंसर के मरीजों में शुरुआती लक्षण के तौर पर निप्पल और स्तन में दर्द सामान्य रहता है। लेकिन दरअसल इसके शुरुआती लक्षण सिर्फ यही नहीं स्तन कैंसर के शुरुआती स्टेज में महिला के शरीर में कई बदलाव महसूस होते हैं।

महत्वपूर्ण जानकारी ब्रेस्ट कैंसर के बारे में:

जब स्तनों की कोशिकाएं असामान्य एवं अनियंत्रित विभाजित होकर नई कोशिकाओं की गांठ बनाती है तो इसे स्तन कैंसर कहते हैं। ब्रेस्ट कैंसर की संभावना ब्रेस्ट के बाहरी ऊपरी भाग में सर्वाधिक होती है। ब्रेस्ट कैंसर को पूरे संसार मे जागरूकता फैलाने के लिए गुलाबी रिबन (Pink Ribbon) प्रतीक का इस्तेमाल किया गया है। और इसे (CA-15.3) के नाम से जानते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर/स्तन कैंसर (Breast Cancer)

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में पाया जाने वाला सामान्य कैंसर है महिला में स्तन कैंसर होने की संभावना 12 में से 1 होती है जिसका अनुपात लगातार बढ़ता जा रहा है। ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना आयु वृद्धि के साथ-साथ बढ़ती जा रही है एवं 50 वर्ष की आयु के बाद बहुत अधिक होती है। स्तन कैंसर होने की संभावना फीमेल्स (महिला) में मेल (पुरुष) की तुलना में 100 गुना अधिक होती है।

ब्रेस्ट कैंसर के कितने प्रकार होते हैं:

1. एडिनोकार्सिनोमा- (Adenocarcinoma): यह कैंसर एपीथिलियम ऊतक का कैंसर होता है। जो एक उपकला कोशिकाओं में बनता है जो तरल पदार्थ या बलगम का उत्पादन करते हैं इस प्रकार के उपकला कोशिका के साथ ऊतकों को कभी-कभी ग्रंथियों के ऊतक कहा जाता है यह अधिकांश ब्रेस्ट कैंसर में देखा जाता है।

2. इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर- यह कैंसर बहुत कम होता है। इस प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर का इलाज बहुत कठिन होता है। यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है जिसमें महिलाओं में मौत का खतरा का सबसे ज्यादा रहता है यह कैंसर 1 फ़ीसदी होता है।

3. इंट्राडक्टल या पेजेट्स डिजीज- यह कैंसर निप्पल के आसपास शुरू होता है जिसमें निप्पल की चारों ओर का हिस्सा काला पड़ने लगता है। पेजेट्स डिजीज उन महिलाओं का होता है जिन्हें ब्रेस्ट से संबंधित समस्याएं होती हैं इन समस्याओं में निप्पल में खुजली होना, ब्रेस्ट में दर्द होना, इन्फेक्शन होना, यह प्रमुख कारण होते हैं।

4. लोब्युलर कार्सिनोमा– यह कैंसर ब्रेस्ट के ग्रंथियों एवं ऊत्तक भाग में होने वाला कैंसर है। जो स्तनों में दूध का उत्पादन करने वाली ग्लैंड्स की लाइनिंग में विकसित होता है।

ब्रेस्ट कैंसर की कितनी अवस्थाएं (stages) होती हैं?

स्टेज 0- कैंसर के इस स्टेज में दूध बनाने वाले उत्तक या डक्ट बना कैंसर वहीं तक सीमित हो और शरीर के किसी अन्य हिस्से यहां तक स्तन के बाकी हिस्सों में भी नहीं पहुंचता है

स्टेज 1नियोप्लासिया या घातक ट्यूमर का निर्माण, होता है गांठ का व्यास 2cm से कम होता है। यदि गांठे है तो यह सौम्य (Benign) प्रतीत होती है। रूप-परिवर्तन (Metastasis) नहीं होती है।

स्टेज 2– मैलिग्नैंट ट्यूमर मैं लगातार वृद्धि होने से आकार में वृद्धि होती है। गांठ का व्यास 2.5cm हो जाता है। स्तन गांठे अस्थिर प्रतीत होती हैं। दूर तक रूप-परिवर्तन (Metastasis) नहीं होती है।

स्टेज 3– इस स्टेज में कैंसर अन्य हिस्सों तक फैल जाता है एवं हड्डियों अन्य अंगों तक फैल चुका हो सकता है। इसके अलावा बाहों के नीचे 9 से 10 लिंफ नोड में और कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका हो सकता है इस कारण से इसके उपचार में कठिनाई आती है।

स्टेज 4- ब्रेस्ट कैंसर के इस स्टेज में अन्य शरीर के हिस्से जैसे, लीवर, फेफड़ा, हड्डी, और ब्रेन, तक कैंसर फैल चुका होता है।

ब्रेस्ट कैंसर का कारण क्या होता है:

ब्रेस्ट कैंसर का वास्तविक कारण अज्ञात नहीं है परंतु BRCA-1 एवं BRCA- 2, gene की उपस्थिति में ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। निम्न परिस्थितियों में ब्रेस्ट कैंसर की संभावना अधिक होती है जैसे निम्न है।

  • मासिक धर्म कम आयु में आरंभ एवं अधिक आयु (45 से अधिक) में बंद होना।
  • हार्मोनल औषधियां लेना।
  • स्तनपान नहीं कराने वाली महिलाएं।
  • बार-बार इन्फेक्शन होना।
  • स्तन में सामान्य गांठ होना।
  • विकिरणों के संपर्क में आना।
  • मधपान करने वाली महिलाएं।
  • स्तन में चोट लगना।
  • गर्भाशय एवं अंडाशय कैंसर होना।

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या होते हैं:

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण के संकेत होते हैं।

  • दोनों ब्रेस्ट के साइज में बदलाव देखने को मिलता हैं।
  • कई दिनों से लगातार ब्रेस्ट में खुजली होना।
  • ब्रैस्ट या निप्पल में असहनी दर्द होना।
  • निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज होना। (white Creamy) मवाद एवं खून आना।
  • ब्रेस्ट में सूजन आना।
  • ब्रेस्ट का कैंसर वाला भाग हल्का गर्म रहना।
  • ब्रेस्ट में जलन होना।
  • अत्यधिक बेचैनी होना।
  • निप्पल के चारों ओर पपड़ी बन जाती है।
  • व्यक्ति को बुखार भी आता है।
  • ब्रेस्ट के त्वचा पर नारंगी धब्बे पड़ना।
  • गले या बगल में लिंफ नोड।

अगर व्यक्ति को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट कैंसर की जटिलताएं क्या है।

  • अस्थियों में कैंसर का प्रसार हो जाना।
  • सीने में गंभीर इंफेक्शन हो जाना।
  • व्यक्ति की मृत्यु हो जाना।

ब्रेस्ट कैंसर का निदान (Diagnosis) कैसे करते हैं।

मैमोग्राफी- मैमोग्राफी से पता लगाया जा सकता है। की महिला को ब्रेस्ट कैंसर उत्पन्न हो रहा है। मैमोग्राफी मानव स्तन के परीक्षण के लिए, कम विस्तारी मात्रा में है। और एक्स-रे के उपयोग की प्रक्रिया है और इसका उपयोग रोग की पहचान करना, और उसका पता लगाने के उपकरण के रूप में किया जाता है।

  • स्वयं स्तन परीक्षण करना (Breast self examination)।
  • लक्षणों की उपस्थिति की जांच करना।
  • स्तन बायोप्सी (Breast biopsy)।
  • सिटी स्कैन।
  • हार्मोनल रिसेप्टर परख करना चाहिए

ब्रेस्ट कैंसर का ट्रीटमेंट क्या होता है:

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने की भी कई साधन है जैसे कि कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, (मास्टक्टोमी सर्जरी), एवं इस सर्जरी में ब्रेस्ट को काटकर अलग कर दिया जाता है।

ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन, स्वयं की परीक्षण करना बहुत जरूरी होता है।

हर महिला को अपने स्तन के आकार एवं रंग और उनके ठोसपन की जानकारी होना जरूरी है। स्थान में किसी भी प्रकार के बदलाव देखने से त्वचा और निप्पल पर धारियां निशानियां सूजन आदि आने पर विशेष ध्यान रखें। महिला को 40 की उम्र के बाद स्क्रीनिंग मैमोग्राफी कराना अनिवार्य है। यदि कैंसर का कोई परिवार में इतिहास हो तो ध्यान रखें। और 3 साल के अंतराल में स्तनों का परीक्षण कराना आवश्यक है। ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन के स्टेप होते हैं।

  • सर्वप्रथम रोगी को सीधा खड़ा रहना चाहिए अब व्यक्ति को अपने ब्रेस्ट की साइज आकार एवं रंग का परीक्षण करना चाहिए।
  • इस चरण में रोगी को अपनी दोनों अरुण उठानी चाहिए इस स्थिति में भी ब्रेस्ट की सममिति जांच की जाती है किसी ब्रेस्ट मे ट्यूमर या हाइपरट्रॉफी होने पर वह दूसरे ब्रेस्ट की तुलना में नीचे रहता है।
  • इस चरण में रोगी को अपनी एक्जिलेरी लिंफ नोड्स में शोफ,(Edema) की जांच की जाती है।
  • अंतिम चरण में ब्रेस्ट के निचले एवं बाह्य भाग का टटोलने का कार्य करना चाहिए।
  • किसी भी ब्रैस्ट का असामान्य होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही ना बरतें।

ब्रेस्ट कैंसर का बचाव एवं रोकथाम कैसे करें।

  • स्तनपान- ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में स्तनपान की अहम भूमिका होती है। आप जितने अधिक समय तक स्तनपान कराएंगी, उतना अधिक समय पर आप इस खतरे को रोक पाएंगी। जिन महिलाओं ने अपने बच्चों को स्तनपान करवाया है उनमें ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ना के बराबर होता है।
  • पोस्टिक आहार का सेवन करना- ब्रेस्ट कैंसर के बचाव के लिए आप संतुलित आहार का सेवन करें जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, जूस, एवं कार्बोहाइड्रेट को अपनी डाइट में कम करें। इस से मोटापा बढ़ता है और ब्रेस्ट कैंसर का चांस रहता है।
  • गर्भनिरोधक गोलियां खाने से बचें- गर्भनिरोधक गोलियों के जोखिम और लाभ दोनों हैं। जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन करती हैं उन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा रहता है। और गर्भनिरोधक से स्ट्रोक और दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर उन महिलाओं में जो धूम्रपान करती हैं। यदि आप ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को रोकना चाहते हैं तो आपके पास गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन को बंद करने का एक बेहतर विकल्प है।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें- आजकल महिलाएं बहुत ज्यादा धूम्रपान और गुटका जैसी चीजों का इस्तेमाल करती है। यह बात महिलाओं में आम हो चुकी है। कोशिश करें कि इसके सेवन से बचें। ऐसा पाया गया है कि विशेष रूप से प्रीमेनोपॉजल महिलाओं में धूम्रपान स्तन कैंसर को बढ़ावा देता है।
  • नियमित तौर पर शारीरिक व्यायाम करना चाहिए- स्तन कैंसर का खतरे को कम करती है आपको प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। यह आपके शरीर की चर्बी को गलाने में मदद करेगा। ज्यादा मोटापा हमारे शरीर में कई अन्य सारी बीमारियों को जन्म दे देता है। इसलिए अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहिए, यह ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण होता है। खास तौर पर मासिक धर्म बंद होने के बाद यदि आपको वजन ज्यादा होता है तो इसका खतरा बढ़ जाता है। जैसे फैट कोशिकाएं ही कैंसर संबंधी ट्यूमर या गांठ बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती हैं।

मैं आशा करती हूं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।।

धन्यवाद!! (by GS India Nursing, Lucknow, India)…

Dr. Sanu AK……!!

Dr. Anu….!!

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