अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं ( international health agencies) –
स्वास्थ्य के निरंतर विकास एवं विश्व के समस्त मनुष्यों के स्वास्थ्य को बनाए रखने का कार्य करने वाली संस्थाएं “इंटरनेशनल हेल्थ एजेंसीज” कहलाती है। यह संस्थाएं विश्व स्तर पर मानव के प्रत्येक वातावरण में स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारकों एवं उनसे उत्पन्न होने वाले रोगों का गहन अध्ययन करती हैं, अध्ययन से प्राप्त परिणामों के आधार पर विश्व समुदाय को स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक जानकारी प्रदान करना इनका प्रमुख कार्य है। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है। इस संस्था की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गई थी। इसका उद्देश्य संसार के लोगो के स्वास्थ्य का स्तर ऊंचा करना है। डब्ल्यूएचओ (WHO) का मुख्यालय स्विट्ज़रलैण्ड के जिनेवा शहर में स्थित है।
प्रमुख अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं निम्न है, ( important international health agencies) –
1️⃣ विश्व बैंक ( World Bank),
2️⃣ विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization) , (WHO),
3️⃣ केयर ( CARE),
4️⃣ खाद्य एवं खेती संगठन ( Food and Agriculture Organization), (FAO),
5️⃣ अंतर्राष्ट्रीय लाल स्वास्तिक ( International Red Cross),
6️⃣ संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय शिशु आपातकालीन फंड यूनिसेफ ( United Nations International children’s emergency fund),(UNICEF),
7️⃣ जनसंख्या गतिविधियों हेतु संयुक्त राष्ट्र मुद्रा कोष ( United Nations fund for population activities) ,(UNFPA),
8️⃣ संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ( United Nations development programme ) ,( UNDP) ,
9️⃣ अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन ( International Labour Organization) , (ILO),
🔟 स्वीडन अंतरराष्ट्रीय विकास संस्था ( Swedish International Development Agency) ,( SIDA),
यूनिसेफ की भूमिका ( role of UNICEF)-
36 सदस्यों का कार्यकारी दल यूनीसेफ के कामों की देखरेख करता है,यह नीतियाँ बनाता है और साथ ही यह वित्तीय और प्रशासनिक योजनाओं से जुड़े कार्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान करता है। वर्तमान में यूनीसेफ मुख्यत: पाँच प्राथमिकताओं पर केन्द्रित है, बच्चों का विकास, बुनियादी शिक्षा, लिंग के आधार पर समानता,बच्चों का हिंसा से बचाव, शोषण, बाल श्रम के विरोध में, बच्चों के अधिकारों के वैधानिक संघर्ष के लिए काम करता है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हताहत बच्चों के पुनर्वास एवं स्वास्थ्य संरक्षण के लिए सन 1946 में इस संस्था की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय” न्यूयॉर्क” में है, सन 1953 में इसका नाम “यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रंस इमरजेंसी फंड” से बदलकर “यूनाइटेड नेशंस चिल्ड्रंस फंड” कर दिया गया, परंतु संक्षिप्त नाम यूनिसेफ में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। दूसरे शब्दों में ,यह पूरे विश्व के बच्चों की भोजन, शिक्षा और स्वास्थ संबंधी आदि समस्याओं को दूर करने का कार्य करता है।
यूनिसेफ के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं,
1️⃣ हर उस कार्यक्रम में भाग लेना, जो बच्चों के स्वास्थ्य को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाता है।
2️⃣ माता एवं शिशु के स्वास्थ्य में सुधार करना।
भारत में यूनिसेफ की भूमिका का वर्णन –
भारतवर्ष में यूनिसेफ ( UNICEF) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एवं यूनेस्को ( UNESCO) की सहायता से निम्न शहरों में सहायता प्रदान करता है –
– ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के विकास हेतु,
– संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु,
– मां एवं नवजात शिशु की पर्याप्त देखभाल ,साधनों की उपलब्धता, गुणवत्ता एवं अनिवार्य प्रसूति और नवजात शिशु की देखभाल में सुधार के लिए,
– मां व बच्चे को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी जैसे कार्यक्रमों द्वारा पोषण कार्यक्रमों हेतु,
– विद्यालय स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में,
– सुरक्षित प्रसव, मां व शिशु की स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विशेषता उन क्षेत्रों में जहां सुरक्षित प्रसव की संख्या 30 % से कम है,
– बच्चों में एड्स रोकथाम के क्षेत्र में,
– ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए के क्षेत्र में जैसे कुआं खुदवाना आदि,
– बाल श्रम उन्मूलन कार्यक्रमों को निरंतर चलाने के क्षेत्र में,
– सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में परिवार नियोजन एवं एवं प्रशिक्षण यूनिसेफ से संबंध रखते हैं आदि।
मैं आशा करती हूं कि आप सभी को यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
धन्यवाद !!